Kerala Plus One Hindi कहानी लेखन (Story Writing)
Points to Remember:
Activity 1
निम्नलिखित सूचनाएँ पढ़ें।
किसान का बेटा – आलसी और आपसी झगड़े – किसान परेशान – बीमार पडना – बेटों को सुधारने का उपाय सोचना – एक-एक लकड़ी काटने को कहना – चारों लकड़ियाँ एकसाथ बाँधना – उन्हें तोड़ने को कहना – असमर्थ निकलना।
प्रश्न.
सूचनाओं को जोड़कर कहानी की पूर्ति करें।
उत्तरः
संगठन की ताकत
किसी गाँव में एक किसान रहता था। उसके चार बेटे थे। वे चारों अक्सर लड़ते रहते थे। अपने बेटों के स्वभाव से किसान मन-ही मन बहुत दुःखी रहता था। सोचते-सोचते वह एक दिन बीमार पड़ गया। अपने बेटों को सुधारने का उसने एक उपाय सोचा। एक दिन जब वह बिस्तर पर लेटा था, तो उसने अपने चारों बेटों को पास बुलाया और उन्हें एक-एक लकड़ी देकर कहा – “इन्हें तोडों”। एक-एक कर उन चारों ने अपनी-अपनी लकड़ी तोड़ दी। किसान ने मुस्कुराते हुए चारों को देखा। पिता की मुस्कान का अर्थ उन चारों की समझ में नहीं आया। अब किसान ने अपने पास से चार दूसरी साबुत लकड़ियाँ और एक रस्सी निकाली। उसने अपने बड़े बेटे को पास बुलाकर चारों लकड़ियों को रस्सी से बाँधने केलिए कहा।
अब किसान ने उन चारों से उसे तोड़ने को कहा। उन सभी ने बारी-बारी से उस लकड़ियों के गट्ठर को तोड़ने की कोशिश की, लेकिन कोई तोड़ न सका। किसान ने कहा – “संगठन में बहुत शक्ति होती है। यदि तुम लोग आपस में मिलकर रहोगे तो संसार में तुम्हें कोई हरा नहीं पाएगा। यदि आपस में झगड़ा करते हुए अलग-अलग रहोगे तो कोई भी तुम्हारी आपस की फूट का फायदा उठा लेगा।” चारों बेटों ने अपने पिता से यह वादा कि वे अब कभी भी आपस में झगड़ा नहीं करेंगे। और इन लकड़ियों की गट्ठर की तरह हमेशा संगठित होकर रहेंगे।
Activity 2
निम्नांकित संकेत पढ़ें।
एक राजा – मंत्री ईमानदार और समझदार – रात को राजा का जाग उठना – मंत्री को कमरे में चिंतित देखना – गत साल फसल की कमी – कर वसूली में वृद्धि – राजा मंत्री से प्रभावित – अगले साल आधा लगान वसूल करने का निर्णय – राजा और मंत्री दोनों खुश।
प्रश्न.
संकेतों की सहायता से कहानी की पूर्ति करें।
उत्तर
अन्याय का धन
किसी देश में सुजानसिंह नाम का राजा राज करता था। राजा का मंत्री हिम्मतसिंह नेक, ईमानदार तथा बहुत समझदार था। राजा सुजानसिंह हिम्मतसिंह का बहुत आदर करते थे।
एक दिन अचानक रात में सुजानसिंह की नींद खुल गई। वे अपने कमरे से बाहर निकले तो उन्होंने देखा, मंत्री हिम्मतसिंह के कमरे में प्रकाश हो रहा था। राजा वहाँ पहुँचे। उन्होंने झाँककर देखा तो मंत्रीजी गहरी चिंता में डूबे हुए दिखाई पड़े। सुजानसिंह मंत्रीजी के कमरे में दाखिल हुए। उन्होंने मंत्री जी से पूछा – “मंत्री जी, आप इतने चिंतित क्यों हैं? क्या राज्य पर कोई भारी विपत्ति आ पड़ी है?” हिम्मतसिंह ने अपनी चिंता का कारण बताते हुए कहा – “महाराज, गत वर्ष की अपेक्षा इस वर्ष के लगान की वसूली अधिक है। अधिक वसूली का कारण जानने केलिए ही में चिंतित हूँ।” राजा बोले . “आमदनी कम तो नहीं हुई, बढ़ गयी है न? रात बहुत हो चुकी है। अब आप सो जाइए।
कल इस विषय पर विचार किया जाएगा।” मंत्री जी चिंतित स्वर में बोले – “गरीब किसान बडे परिश्रम से अन्न अपजाता है। प्रजा को दुःखी करके कोई भी राजा सुखी नहीं हो सकता और न ही उसका शासन अधिक दिनों तक चलता है। राजा को मंत्री की बात उचित लगी। अगले दिन सुबह उन्होंने घोषणा कर दी कि अगले वर्ष से आधा लगान ही वसूल कर लिया जाएगा। राजा के इस निर्णय से मंत्री हिम्मत सिंह के साथ साथ राज्य की प्रजा भी बहुत खुश थी।
Activity 3
नीचे दिए गए सूचनाओं को पढ़ें।
एक आदमी – लालची – तपस्या करना – देवता का प्रत्यक्ष होना – थैली में सोने के सिक्के डालना – जमीन पर न गिरे – गिरने पर मिट्टी हो जाने की चेतावनी – थैली का भर जाना – आगे भी थेली पसारते रहना।
(सोने का सिक्का – Gold Coin, चेतावनी മുന്നറിയിപ്പ്थैली – Bag)
प्रश्न.
सूचनाओं को विकसित करके कहानी लिखें।
उत्तरः
लालच का फल
एक आदमी था। वह एक सुन्दर गाँव में रहता था। वह बडा सुस्त था और दूसरों के समान मेहनत न करता था। वह बडा लालची भी था। इसलिए बिना मेहनत के वह धनी बनना चाहता था और इसकेलिए तपस्या करके देवता को प्रत्यक्ष करने का निश्चय किया। उसने तपस्या की और उसके सामने देवता प्रत्यक्ष हुआ। देवता ने पूछा – “अरे में तुम पर प्रसन्न हूँ। तुम्हें क्या चाहिए?” आदमी ने कहा – ” में बहुत गरीब हूँ। इसलिए मुझे धनी बनाइए। आप मुझे सोने के सिक्के दीजिए।” देवता ने उसकी थैली में सोने के सिक्के डाल दिये। फिर उसको चेतावनी दी – “अरे ये सोने के सिक्के कभी नीचे न गिरे।
यदि वे नीचे गिर जाए तो मिट्टी हो जाएगी।” आदमी ने देवता की बात मान ली। देवता थैली में सोने के सिक्के डालते रहे। थैली भर गयी, लेकिन उसकी लालच कम न हुई। वह आगे थैली पसारते हुए देवता के सामने रहा। इसका फल यह हुआ कि सिक्कों के अधिकांश जमीन पर गिर गये और सब के सब मिट्टी बन गये। आदमी बहुत निराश हुए। उसे रोने को आया। उसने सोचा कि यह सब अपनी लालच के परिणाम से हआ है।