Kerala Plus One Hindi रपट (Report)
Points to Remember:
Activity 1
मेजर राहुल शर्मा रेलगाड़ी की प्रथम श्रेणी के डिब्बे में बैठ रहे थे। उनके पास काफी रुपए थे। एक लड़की भी उस डिब्बे में आ बैठी। उसने मेजर से बातें शुरु की। उसने अपनी गरीबी का जिक्र किया तो मेजर ने पूछा कि इतनी गरीबी में भी पहली श्रेणी में तुम क्यों यात्रा कर रही हो? तब लड़की ने कहा कि उसकी शादी तय हो गई है और अपने ससुरलालवालों को प्रभावित करने केलिए वह पहली श्रेणी में यात्रा कर रही है। फिर उस लड़की ने मेजर से रुपया माँग लिया तो मेजर ने देने से इनकार कर दिया।
फिर लड़की ने मेजर को धमकी देकर कहा कि मुझे पन्द्रह हज़ार रुपये दे दो, नहीं तो मैं तुम्हारे ऊपर झूठे इलजाम लगाऊँगी। गाड़ी रुकी तो लड़की ने पुलीस से कहा कि मेजर ने अपने एक हाथ से मेरा मुँह बंद कर लिया और दूसरे हाथ से मुझे खींचकर मेरी इज्जत लूटने की कोशिश की है। लेकिन जाँच करने पर पुलीस को मालूम हुआ कि मेजर के दोनों हाथ कटे हुए हैं। झूठे इलजाम लगाने के अपराध में लडकी पकड़ी गई।
प्रश्न.
झूठे इलजाम लगाने के अपराध में लड़की पकडी गयी। यह घटना अगले दिन के समाचार पत्र में आई। इसके आधार पर रपट तैयार कीजिए।
उत्तर :
झूठे इलजाम पर युवती गिरफ़्तार में
रायपुर : कल रेलगाडी में यात्रा करनेवाली लड़की शीला (18) को पुलीस ने गिरफ्तार किया। मेजर पर झूठे इलजाम लगाने की वजह से लड़की को पकडी गयी थी। पुलीस का कहना यह था कि युवती मेजर से पन्द्रह हज़ार रुपये माँग ली थी। लेकिन मेजर ने देने से इनकार कर दिया। इसका बदला लेने के लिए लड़की ने पुलीस पर शिकायत की कि मेजर ने एक हाथ से उसका मुंह बंद कर दिया और दूसरे हाथ से खींचकर इज्जत लूटने की कोशिश की। लेकिन जाँच करने पर पता चला कि मेजर के दोनों हाथ कटे हुए हैं। मुकदमा दायरा की है। लड़की को जेल भिजवा दिया। अगले दिन ही अदालत में पेश किया जाएगा।
Activity 2
ताजपुर एक छोटा-सा गाँव है। उस गाँव में बहुत से किसान रहते थे। सबके अपने-अपने खेत थे। वे अकेले-अकेले खेती करते थे। लेकिन खेती उनकेलिए लाभादायक नहीं रही। उन्हें गरीबी में जीवन बिताना पड़ा। आखिर उन्होंने खेती छोड़कर अन्य काम ढूँढ़ने का निश्चय किया। उसी गाँव में चमनलाल नामक एक युवा किसान था। वह बड़ा बुद्धिमान था। उसने किसानों को एकत्रित किया और खेती संघ बनाया। फिर सारे खेतों को मिलाकर खेती करने का निश्चय किया। किसान संतुष्ट हुए। सब मिलकर कठिन कठिन परिश्रम करने लगे। उन्हें अच्छी फसल मिलने लगी। उनकी गरीबी दूर हुई। सब सुखपूर्वक जीवन बिताने लगे।
प्रश्न.
ताजपूर खेती-संघ के बारे में अखबार में समाचार आया। वह समाचार कल्पना करके लिखें।
उत्तर :
संगठन में शक्ति
ताजपुर : आज ताजपुर गाँव खुशी के लहर में है। इसकी पूरी ख्याति चमनलाल नामक युवक को है। ताजपुर के किसान अकेले-अकेले खेती करते थे। लेकिन खेती उनके लिए लाभदायक नहीं रही। ऐसे किसानों को चमनलाल ने एकत्रित किया और ‘खेती संघ’ बनाया। अब ‘खेती संघ’ के नेतृत्व में ताजपुर में खेती चल रही है। उन्हें अच्छी फसल मिलने लगी। अब उनकी गरीबी दूर हुई। अब ताजपुर देश का आदर्श गाँव बन गया है।
Activity 3
सुरेन्द्र नामक राजा कर वसूलने केलिए एक योग्य व ईमानदार व्यक्ति को चाहता था। ढिढोरा पीटकर उम्मीदवारों को अमावस्या के दिन महल के द्वार पर आने को कहा गया। कुछ अन्धेरे हो जाने पर राजा ने उम्मीदवारों को राजसभा में बुलाया। राजा ने उन सबसे कहा – “बारी-बारी से एक एक उम्मीदवार नृत्य करें”। नृत्य का नाम सुनते ही सभी खिसक गये। केवल एक ही युवक शेष रहा। उसका नाम था सौरभ । सौरभ राजा के सामने नृत्य करने लगा।
फिर राजा ने कहा “मैंने राजमहल के गलियों में सोने के नकली सिक्के रखवा दिये थे। अन्धेरा का लाभ उठाकर सबने अपनी जेब में सोने के सिक्के भर दिये थे। अगर वे नृत्य करते तो जेबों में भरे हुए सिक्के आवाज़ देते। इसलिए वे डरकर चले गये कि उनकी चोरी पकड़ी न जाए। राजा ने सौरभ को कर बसूलने का सबसे बडा अधिकारी बना दिया।
प्रश्न.
उपर्युक्त घटना के आधार पर अखबार में प्रकाशित करने योग्य रपट तैयार करें।
उत्तर :
सौरभ को अधिकारी चुना गया
उदयपुर : महाराज ने सौरभ नामक युवक को कर वसूलने का सबसे बडा अधिकारी बना दिया। परीक्षा के लिए कई उम्मीदवार राजमहल में आये थे। अमावस्या के दिन अंधेरे होने पर राजा ने सबको नृत्य करने का आदेश दिया। नृत्य का नाम सुनते ही सब खिसक गये। केवल सौरभ बाकी रह गया। वह नृत्य करने लगा। असल में राजमहल के गलियारों में राजा ने सोने के नकली सिक्के रखे थे। अंधेरा का लाभ उठाकर सब लोग अपना जेब भर लिये थे। अगर वे नृत्य करते तो जेब खनकते। पर सौरभ के पास सिक्के नहीं थे। इसलिए राजा ने उसे अधिकारी बना दिया।
Activity 4
कई साल पहले की बात है। एक पहाड़ी नदी के किनारे एक स्त्री बड़े करुणापूर्ण स्वर में चिल्ला रही थी। ‘बचाओ, मेरे बच्चे को बचाओ’। लोग दौडे आए। उस स्त्री का बेटा नदी में डूब रहा था। किंतु नदी में कूदने का साहस किसी को नहीं था। बारिश का मौसम था। इसलिए नदी में ज़्यादा पानी था। नदी की तेज़ धारा से बच्चे को बचाना मुश्किल लग रहा था। इतने में अठारह साल का युवक दौडा हुआ आया। उसने अपना कोट उतारा और नदी में कूद पड़ा। वह युवक नदी की तेज़ धारा से पूरी शक्ति लगाकर तैरने लगा। डूबते हुए बालक को उसने पीठ पर बिठाया और किनारे की ओर तैरने लगा। बालक बेहोश हो गया था। युवक ने बालक को किनारे पहूँचाया उसकी जान बच गयी। लोग उस युवक को बधाई दोने लगे।
प्रश्न.
युवक की साहसिकता के संबन्ध में अखबार में देने योग्य रपट तैयार करें।
उत्तर :
युवक का साहस बालक को बचाया
मेलापुर : नदी में डूबते हुए बालक को साहसी युवक ने बचाया। सात साल का बालक अंकित नदी में डूबा था। राजेन्द्र नामक युवक (20) उसे बचाया। बारिश का मौसम था। नदी में पानी भरा था। बालक की माँ की चिल्लाहट सुनकर राजेन्द्र दौडा हुआ आया था। अपना कोट उतारा और नदी में कूद पड़ा। वह तेज़ी से तैरकर डूबते हुए बालक को अपनी पीठ पर बिठाकर किनारे पहूँचाया। बेहोश बालक को तुरंत अस्पताल पहुंचाया। साहसी राजेन्द्र को लोगों ने खूब तारीफ की। ऐसे साहसी लोग आज बहुत कम मिलते हैं।
Activity 5
बात सन् 1885 की है। पूना के न्यू इंग्लिष हाईस्कूल में एक समारोह हो रहा था। प्रमुख द्वार पर एक स्वयं सेवक नियुक्त था। उसे निर्देश दिया गया कि अतिथियों का निमंत्रण पत्र देखें और उन्हें सभास्थल पर बिठादें। निमंत्रण पत्र के बिना किसी को अन्दर प्रवेश न दें। समारोह के मुख्य अतिथि थे मुख्य न्यायाधीश महादेव गोविंद रानडे। वे भी समय पर विद्यालय पहूँचे। स्वयं सेवक ने बड़े आदर से उनसे निमंत्रण पत्र माँगा। पर रानडे निमंत्रण पत्र लाना भूल गये थे। स्वयं सेवक ने उन्हें सभा-स्थल पर जाने से रोक लिया इतने में स्वागत समिति के लोग वहाँ पहूँचे। उन लोगों ने रानडे को पहचान लिया। उन्होंने रानडे से माफी मांगी और स्वयं सेवक को काफी डॉटा। स्वयं सेवक सब सुनने के बाद कहने लगा – “मुझे निर्देश मिला था कि कोई भी अतिथि हो, उसके पास निमंत्रण पत्र होना चाहिए। मैं अपना कर्तव्य निभा रहा था। नियम सबकेलिए एक है”। उसकी बातें सुनकर रानडे बहुत खुश हुए और उन्होने कर्तव्य बोध की प्रशंसा की। वह स्वयं सेवक गोपाकृष्ण गोखले
प्रश्न.
उस दिन की इस विशेष घटना की रपट अगले दिन के समाचार-पत्र में आई। वह रपट तैयार करें।
उत्तर :
समारोह के मुख्यातिथि को प्रमुख द्वार पर स्वयंसेवक ने रोका
पूना : कल यहाँ के न्यू इंगलिश हाइस्कूल के एक समारोह में निमंत्रण पत्र के बिना आये मुख्यातिथि मुख्य न्यायाधीश श्री महादेव गोविंद रानडे को स्वयंसेवक ने प्रमुख द्वार पर रोका। उस समय वहाँ आए स्वागत समिति के लोगों ने रानडे से माफी मांगी और स्वयंसेवक को काफी डाँटा। सब सुनने के बाद स्वयंसेवक ने बताया कि उसे निर्देश दिया गया था कि निमंत्रण पत्र के बिना किसी को भी अन्दर प्रवेश न दें। इसलिए उसने ऐसा किया। क्योंकि नियम सब केलिए एक है। उसकी बातें सुनकर रानडे बहुत खुश हुए और उन्होंने स्वयंसेवक के कर्तव्यबोध की प्रशंसा की।