हरि शब्द के रूप – Hari Ke Shabd Roop In Sanskrit
हरि शब्द रूप: हरि का जन्म छतरपुर (मध्य प्रदेश) में सन ई० में एक कान्यकुब्ज ब्राह्मण वंश में हुआ था। पालन-पोषण एवं शिक्षा ननिहाल में घर पर ही हुई। वियोगी हरि ने हैं।
इकारान्त पुंल्लिग ‘हरि’ शब्द – Ikaaraant Punllig Hari Shabd
| विभक्ति | एकवचन | द्विवचन | बहुवचन |
| प्रथमा | हरिः | हरी | हरयः |
| द्वितीया | हरिं | हरी | हरीन् |
| तृतीया | हरिणा | हरिभ्याम् | हरिभिः |
| चतुर्थी | हरये | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
| पंचमी | हरेः | हरिभ्याम् | हरिभ्यः |
| षष्ठी | हरेः | हर्योः | हरीणां |
| सप्तमी | हरौ | हर्योः | हरिषु |
| सम्बोधन | हे हरे! | हे हरी! | हे हरयः! |
हरि शब्द रूप के: नोट-इसी प्रकार इकारान्त पुल्लिग शब्दमुनि, कपि, गिरि, रवि, ऋषि, कवि अदि के रूप भी चलेंगे।
