अव्ययीभाव समास – Avyayebhav Samas Sanskrit
Avyayebhav Samas Sanskrit: जब विभक्ति आदि अर्थों में वर्तमान अव्यय पद का सुबन्त के साथ नित्य रूप से समास होता है, तब वह अव्ययीभाव समास होता है अथवा इसमें यह जानना चाहिए –
- इस समास का प्रथम शब्द अव्यय और द्वितीय संज्ञा शब्द होता है।
- अव्यय शब्द के अर्थ की अर्थात् पूर्व पदार्थ की प्रधानता होती है।
- समास के दोनों पद मिलकर अव्यय हो जाता है।
- अव्ययीभाव समास नपुंसकलिङ्ग के एकवचन में होता है।
अव्ययीभाव समास के उदाहरण – (Avyayebhav Samas Sanskrit Examples)
- अव्ययपदम् – अव्ययस्यार्थः – विग्रहः – समस्तपदम्
- अधि – सप्तमीविभक्त्यर्थे – हरौ इति – अधिहरि
- उप – समीपार्थे – कृष्णस्य समीपम् – उपकृष्णम्
- अनु – योग्यतार्थे – रूपस्य योग्यम् – अनुरूपम्
- प्रति – वीप्सार्थे – दिनं दिनं प्रति – प्रतिदिनम्
- निर्. – अभावार्थे – मक्षिकाणाम् अभावः – निर्मक्षिकम्
- यथा– अनतिक्रमार्थे – शक्तिम् अनतिक्रम्य – यथाशक्ति